Shikha Mantra 2023 :- शिखा बांधने के दौरान या फिर चोटी बांधने के दौरान एक तरह की मंत्र बोली जाती है जिसे हम गायत्री मंत्र कहते हैं सीखा बांधने के समय इस मंत्र की आचमन कर कर शिखा को जल से गिला करना चाहिए , गिला करने के दौरान अपनी शिखा में एक इस प्रकार की गांठ लगानी चाहिए जो सिर के नीचे जाकर बिखर जाए इसे हम लोग आधी गांठ कहते हैं गांठ लगाने के दौरान गायत्री मंत्र का निरंतर जाप करना चाहिए.
गायत्री शिखा के पीछे का विज्ञान
The Science Behind Gayatri Shikha :- हमारे पूर्वजों के हिसाब से देखा जाए तो शिखा का केंद्र बिंदु मस्तिष्क के मुख्य बिंदु पर स्थापित होती है जिस प्रकार रेडियो के ध्वनि विस्तार केंद्रों को ऊंचे ऊंचे खंभों पर लगाया जाता है जहां से ब्रॉडकास्टिंग की तरंगे चारों दिशाओं और फैलाई जाती है सेम इसी प्रकार हमारे मस्तिष्क की विद्युत भंडार शिखा स्थान को माना जाता है |
शिखा के बिंदु से हमारे विचार संकल्प एवं शक्ति परमाणु ऊर्जा प्रवाहित होती है इस शिखा के द्वारा मस्तिक से निकलने वाली विचार संकल्प एवं शक्ति ऊर्जा को शिखा द्वारा नियंत्रण करने का कार्य किया जाता है, जिसे अनावश्यक बनो हो इसीलिए हमारे पूर्वज शिखा रखने की प्रथा को मानते थे यही कारण है कि हमारे पूर्वज शिखा लंबी रखते थे एवं शिक्षा में गांठ लगाकर अपनी मानसिक शक्तियों को अवैध रूप से वह नहीं जाने देते थे |
गायत्री शिखा के प्राचीन मान्यता
Ancient beliefs of Gayatri Shikha : -प्राचीन मान्यताओं के हिसाब से शिखा को अध्यात्मिक लक्ष्य के लिए रखा जाता था पहले की परंपरागत अनुसार सभी हिंदुओं को सिखा रखना पड़ता था, लेकिन अभी कालांतर में देखा जाए तो मुख्य रूप से केवल ब्राह्मणों एवं मंदिरों की पुजारियों के बीच ही सिखा का प्रचलन मिलती है |
पूर्वज मानते थे कि भगवान के प्रति समर्पण का एक केंद्र बिंदु सीखा है जिसे आसानी से ध्यान केंद्रित किया जा सकता है शिखा रखने से मनुष्य की बौद्धिक एवं स्मरण शक्ति काफी बढ़ जाती है |
इसका एक सटीक उदाहरण है आप चाणक्य को देख लीजिए या अन्य प्राचीन विद्वानों की भी तस्वीर आप देखते होंगे जिसमें उनके सिर पर सिखा बनी हुई दिखाई देती होगी शिखा जहां बांधी जाती है वहां मस्तिष्क की सभी नाड़ियों का मेल होता है |