Biography of Neem Karoli Baba Wikipedia 2024 : नीम करोली बाबा Neem Karoli Baba हनुमान जी के बहुत प्रिय भक्त थे इन्हें महाराज जी के रूप में जाना जाता है | 1960 से 1970 के दशक में भारत की यात्रा करने वाले बहुत विदेशी और आध्यात्मिक गुरुओं के विदेशों में प्रचार प्रसार उद्गम हुआ उनमें से नीम करोली बाबा के नाम से विश्व विख्यात तथा रामदास भगवानदास और संगीतकार कृष्णदास शामिल हैं |
Biography of Neem Karoli Baba : बाबा नीम करोली दास Neem Karoli Baba Das का पूर्व प्रारंभिक नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था बाबा का जन्म 1900 के आसपास भारत के उत्तर प्रदेश फिरोजाबाद जिला अकबरपुर गांव में एक संपन्न ने ब्राह्मण फैमिली में हुआ था | उन्होंने अपनी अल्पायु में ही घूम मकड़ी साधु बनने का निर्णय ले लिया और 11 वर्ष की आयु में उनकी माता पिता द्वारा उनका विवाह कर दिया गया |
विवाह के उपरांत ही वह भारत की अन्य धार्मिक तीर्थ स्थलों की यात्राएं शुरू कर दी विगत कुछ वर्षों के बाद उनकी पिता द्वारा लाख याचना करने के बाद बाबा नीम करौली घर वापस आए और व्यवहारिक जीवन में जीना शुरु कर दिया उनके शरीर से दो बेटे और एक बेटी हुई तथापि विगत कुछ वर्षों बाद नीम करोली बाबा Neem Karoli Baba ने फिर घर को त्याग कर चल दिए हैं |
नीम करोली बाबा की विख्यात किस्से
What is Neem Karoli Baba related to Kainchi Dham : – जब बाबा नीम करोली महाराज जी की रूप में घर का परित्याग कर अपनी यात्रा सुगम करनी चाहिए तो लोग बताते हैं कि बाबा बिना टिकट ट्रेन में चल गए थे जिससे कि टिकट चेक करने वाले टीटी द्वारा उन्हें विदाउट टिकट यात्रा करते देख ट्रेन रुकवा कर उन्हें नीचे उतारने का फैसला लिया जाता है |
उस समय ट्रेन फर्रुखाबाद जिले से छुटी थी और नीम करौली गांव के पास उन्हें ट्रेन टीटी द्वारा उतार दिया जाता है, जब टीटी द्वारा दोबारा लोको पायलट से ट्रेन चालू कर आगे बढ़ने की बात कही जाती है तो ट्रेन स्टार्ट ही नहीं होती है ट्रेन स्टार्ट करने की लाखों प्रयास विफल होते देख यात्रियों द्वारा टीटी को सुझाव के रूप में साधु को वापस ट्रेन में चढ़ने की आमंत्रण दिया जाता है |
लेकिन नीम करोली बाबा Neem Karoli Baba द्वारा दो शर्तों पर ही ट्रेन में मैं वापस चढ़ूंगा रेलवे के कुछ बड़े अधिकारियों द्वारा उन शर्तों को मान लिया जाता है, बाबा की पहली शर्त होती है की रेलवे द्वारा नीम करोली गांव में एक रेलवे स्टेशन बनवाने की कवायत किया जाए और दूसरी शर्त यह होती है कि रेलवे में यात्रा कर रहे किसी भी साधु-संत को दुर्व्यवहार ना किया जाए , बाबा की दोबारा ट्रेन में चढ़ जाने से ट्रेन दोबारा स्टार्ट हो जाती है लेकिन ट्रेन चालक तब तक ट्रेन आगे नहीं बढ़ाता है |
Biography of Neem Karoli Baba 2024 : जब तक बाबा Neem Karoli Baba द्वारा आगे बढ़ने का आशीर्वाद नहीं ले लेता है बाबा द्वारा भी नीम करोली गांव में कुछ वर्षों तक स्थानीय आश्रम बना कर रहा गया है उसके साथ-साथ उत्तर भारत मैं इन्हें कई नामों से जाना जाता है जिनमें प्रमुख के नाम शामिल हैं लक्ष्मण दास आरडी वाला बाबा और तिकुनिया वाला बाबा जब उन्होंने गुजरात की यात्रा शुरू की थी तब मोरबी में उनकी तपस्या एवं साधना को देख उन्हें लोग चलाया बाबा के नाम से भी जानते हैं वृंदावन में स्थानीय निवासियों द्वारा उन्हें चमत्कारी बाबा का रूप दे दिया गया था |
नीम करोली बाबा की जीवन परिचय
बाबा द्वारा अपने जीवन में कैची और वृंदावन में दो प्रमुख आश्रम बनाए गए हैं समय के अनुसार उनके नाम से 100 से अधिक मंदिरों का निर्माण किया गया कैंची धाम आश्रम “Kainchi Dham Ashram” जहां उनकी अंतिम जीवन बीती थी वर्षों से नैनीताल से 17 किलोमीटर दूर नैनीताल अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित मंदिर स्थानीय लोगों के साथ साथ आध्यात्मिक साधु और दुनिया भर के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बन गया |प्रत्येक वर्ष 15 जून को कैंची धाम Kainchi Dham भंडारा मंदिर उद्घाटन के उपलक्ष में आयोजित एक उत्साह होती है जिनमें लाखों श्रद्धालुओं द्वारा कुछ किया जाता है |
11 सितंबर 1973 1:00 बज के 15 मिनट पर बिंद्राबन के एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हुई थी , उस रात बाबा द्वारा ट्रेन से आगरा और नैनीताल के पास कैंची धाम Kainchi Dham लौटते समय उनके सीने में दर्द की अनुभूति के कारण उन्हें हृदय रोग विशेषज्ञ के पास ले जाया गया था , बाबा अपनी अंतिम समय में गंगाजल मांग कर उसे ग्रहण कर “जय जगदीश हरे” का पुकार कर अपने प्राण प्रतिष्ठा को त्याग दिया गया |
कैंची धाम कैसे जाएं
कैंची धाम Kainchi Dham नैनीताल अल्मोड़ा मार्ग पर नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर दूर एवं भवाली से 9 किलो मी पर स्थित है आधुनिक तीर्थ स्थल पर बाबा नीम करोली Neem Karoli Baba महाराज का आश्रम विद्वान है प्रत्येक वर्ष पर 15 जून को बहुत सारे अनुभवी बाबा के मेले में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं जिसमें देश-विदेश के श्रद्धालु जाते हैं इस स्थान का नाम कैची मोटर मार्ग के दो तीव्र मोड़ो के कारण रखा गया है |
- अगर आप यात्रा वायु मार्ग से कर रहे हैं तो आपको पंतनगर एयरपोर्ट के टिकट बनानी होगी वहां से बाबा नीम करोली कैंची धाम आश्रम “Kainchi Dham Ashram” 79 कि.मी. है ।
- अगर आप यात्रा रेलवे से कर रहे हैं तो किसी भी रेलवे स्टेशन से टिकट कट आएंगे तो आपको काठगोदाम रेलवे स्टेशन आना होगा वहां से बाबा नीम करोली महाराज की आश्रम कैंची धाम “Kainchi Dham Ashram” महज 43 कि.मी. है ।
- अगर यात्रा आप अपने निजी साधन सड़क द्वारा कर रहे हैं तो कैंची धाम आश्रम “Kainchi Dham Ashram” नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर भवाली से 9 किलो मी है आपको नैनीताल आना होगा या फिर भवाली आना होगा उसके बाद आप बाबा नीम करोली महाराज का आश्रम पहुंच सकते हैं |
Neem Karoli Baba – महत्वपूर्ण लिंक देखें
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